तुम प्यार हो, सच
Posted by Arun Mishra in Happiness, Relationship, कहानी, बातें, यादें, हिंदी में पढ़ें On… दूर देखो, वो जो आखिरी पेड़ दिख रहा है, उधर जाना, उसके बगल में नदी है, नदी किनारे पत्थर है, उस पत्थर पर कोई बैठा है, वो मैं हूँ, और मैं जिस को अविरल बहते देख रहा हूँ, जो अति सरल है, जिसमे गीत है, जीवन का गीत, जो हर मोड़ पर मुड़ते, कहीं ऊपर कहीं नीचे होते, रास्ता बनाते बहता जा रहा है, वो जल नहीं है, वो तुम हो, तुम जीवन हो, तुम प्यार हो, सच …
… कल जब तुम चुप हो गए थे, हम तुम्हे देख रहे थे, तुम कहीं खो गए थे, कुछ तलाश रहे थे, शायद खुशियां को देख रहे थे, खुशियाँ देखते देखते कभी कभी मुस्करा भी रहे थे, और हम तुम्हारी वो मुस्कान देख रहे थे, चुपचाप, हम देख रहे थे कि कैसे तुम्हारी पलकें कभी उठ रही थी और कभी झुक रही थी और कभी दूर देखने लगती थी, वहीँ दूर जहां तुम हमें एक बार ले गए थे, नदी किनारे, पत्थर पर बैठे, अविरल बहते जल को देखते, बड़े प्यारे लग रहे थे, तुम प्यार हो, सच …
तुम प्यार हो, सच !!
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Arun Mishra
Motivator, Trainer, Success Coach, Happiness Guru, Life Counselor, Career Counselor