मेरी क्रिसमस
Posted by Ruchi Bhalla in Happiness, Social Happiness, कहानी, बातें, हिंदी में पढ़ें Onहरबती ने घर में आते ही रसोई का दरवाजा खोल दिया धूप अंदर आने के लिए…. धूप के साथ-साथ बाहर का शोर भी घर में आने लगा। हमारी सोसाइटी से जुड़ी दूसरी सोसाइटी के कम्पाउंड में क्रिसमस celebration हो रहा है।बड़े -छोटे सब जिंगल बैल की धुन और नए-पुराने गानों पर नाचते -गाते Lord Jesus के धरती पर आने की खुशी में झूम रहे हैं …बहुत ही सुंदर माहौल है।
मैं अपनी बालकनी से देखने लगी और हरबती मेरे बगल में आकर खड़ी हो गई और कहा ,”आज अंग्रेजों का किसमस है।” मैंने कहा , ” हरबती ! क्रिसमस कहते हैं … जानती हो इसे क्यों मनाया जाता है …जैसे कृष्ण जी का जन्मदिन जन्माष्टमी मनाते हैं मंदिर में ….वैसे ही गिरजाघर भी होता है वहाँ यीशु का जन्मदिन मनाया जाता है उस खुशी में क्रिसमस मनाते हैं … लेकिन जैसे मंदिर में मूर्ति होती है, गिरजे में उस तरह मूर्ति नहीं होती है ।” अभी मैं आगे कुछ और बोलने ही जा रही थी कि हरबती बोल पड़ी ,”समझ गई भाभी … वहाँ गिरजे में मूर्ति नहीं होती है, वहाँ गाॅड होते हैं ……..”
– Ruchi Bhalla
[ हरबती और मेरी ओर से आप सभी को Merry X-mas….☆★☆★☆★☆★☆★☆★☆★]