ये मेरे हो गए

2016 के दिसंबर माह में कोलकाता से अपनी पत्नी के साथ लौटते वक्त ट्रेन में एक प्यारे से जोड़े की खूबसूरत जोड़ीदार से मैंने यूं ही पूछ लिया – ‘आप को इतना सीधा सादा खूबसूरत लड़का मिला कैसे ?’ ?

जोड़ी मुंबई के पास लोनावाला जा रही थी । उनके चेंबूर, मुंबई वाले रिश्तेदार के लड़के की डेस्टिनेशन शादी थी लोनावाला में । आजकल लड़की व लड़के के परिवार वाले मिल कर, अपने घरों से दूर, कोई एक प्यारा सा डेस्टिनेशन चुनते हैं, वहां रिसोर्ट या बंगले या होटल या धर्मशाला बुक करते हैं । सभी रिश्तेदारों व मित्रों को वहीँ बुलाते हैं व शादी का प्रोग्राम धूमधाम से करते हैं । मेहमानों के लिए घूमना व शादी अटेंड करना, दोनों काम हो जाता है । जोड़ी मारवाड़ी थी, कोलकाता में रहती थी, 40 के आस पास थी और लोनावाला डेस्टिनेशन वेडिंग में जा रही थी ।

मेरा सवाल सुन कर वो खुश हो गई । बोली –

लगता है आप सब जान गए । मेरी बड़ी दीदी की शादी हुई । उसकी विदाई के वक़्त मैं बहुत रो रही थी । दीदी की सास बोली – रोओ नहीं, मेरे यहां और लड़के हैं, तुझे भी ले जाऊंगी ? । बात मजाक मजाक में आई गई हो गई । कुछ साल बाद जब मेरी शादी की बात चलने लगी तो माँ बोली कि क्यों ने दीदी के घर वालों से बात करें । बड़ी दीदी के देवर के साथ अच्छा रहेगा, अगर वो मान जाएं । बात चलाई गई । दोनों मम्मी दोनों पापा राजी हो गए । हम दोनों पहले से राजी थे । बात बन गई । ये मेरे हो गए ?? ।

ये बताते बताते दोनों के गोरे गोरे गाल गुलाबी हो चले थे । ??

हम दोनों भी उन दोनों के साथ इस all smile, happy story से खुश हो गए ।

जहां भी रहिए, आप दोनों खुश रहिए ।

हैप्पी न्यू ईयर ।।

अरुण  ??