Don’t Take Tension
नवी मुंबई के नेरुल से एक बच्चे की मम्मी पूछ रही हैं कि –
सर, मेरा बेटा 12वीं में है. Exam अभी दूर हैं. पर चिंतित है. टेंशन में है. उसके स्वास्थ पर असर पड़ रहा है. वह बीमार हो जा रहा है. क्या करें ?
मैंने जो उन्हें समझाया, आप सब भी समझिए.
बच्चे को कहिए कि वह सामान्य मेहनत करे. जितना हो सके उतना ही पढ़े. जरूरत से जादा पढ़ने से बहुत अच्छे marks नहीं आएंगे. जिस प्रकार जरूरत से जादा भोजन करने से कोई पहलवान नही बन जाता उसी प्रकार जरूरत से जादा पढ़ने से कोई स्कॉलर नही बन जाता. उलटा असर भी पड़ता है. तनाव या टेंशन उत्पन्न होता है, बच्चे exam के समय बीमार हो जाते हैं.
औसत बच्चे आजकल अच्छा कर रहे हैं. वो 12वीं के बाद ग्रेजुएशन भी स्वतः कर ले रहे हैं, नौकरी भी स्वतः ढूंढ़ ले रहे हैं, अपना काम जैसे कि स्वरोजगार, स्व-बिजनेस भी कर ले रहे हैं. किताबी पढ़ाई के अलावां वो जिंदगी के हुनर भी सीख रहे हैं और जिंदगी की गाड़ी बखूबी चला ले रहे हैं.
अभी हमारे देश में कॉलेज जादा हो गए हैं, सीटें जादा हो गई हैं, स्टूडेंट कम हो गए हैं. इसलिए हायर एजुकेशन में एडमिशन अब बड़ी समस्या नही रह गई है. दिल्ली जाने वाले दिल्ली जा रहे हैं, राजधानी नही मिली तो शताब्दी, शताब्दी नही मिली तो एक्सप्रेस ट्रेन सही, पर दिल्ली जा रहे हैं. यह उदाहरण है. इसी प्रकार ऑक्सफ़ोर्ड नही मिला तो IIT, IIT नही मिला तो NIT, वो नही तो दूसरा, दूसरा नही तो तीसरा, पर जिनकी मंजिल इंजीनियर बनने की है, वो इंजीनियर बन रहे हैं, मंजिल पा रहे हैं. यही नही, वो लोग नौकरी भी ढूंढ़ ले रहे हैं और सफल भी हो रहे हैं. क्योंकि ऐसे लोगों ने जिंदगी के हुनर सीख लिए हैं. इंजीनियरिंग केवल उदाहरण है, ऐसा सभी क्षेत्रों में है.
इसलिए बहुत चिंतित न हों, बहुत टेंशन न लें. जितना हो सके उतना करें और अच्छे से करें. सफल होंगे.
मैं सभी बच्चों को एक सिंपल फॉर्मूला बताता हूँ –
1. पहले 60% सिलेबस को 80% समय दें
2. अगले 20% सिलेबस को 15% समय दें
3. अगले 20% सिलेबस को केवल 5% समय दें, समझ मे आए तो सही, न आए तो आगे बढ़े, अगला टॉपिक पढ़ें
दूसरा फॉर्मूला सिंपल है और अचूक है –
1. पिछले 5 साल के हर पेपर को 5-5 बार सॉल्व करें
2. पेपर्स को जबानी नही, लिखित सॉल्व करें, written solve करें
इन दोनों फार्मूलों पर काम करें, 70 से 90% मार्क्स स्वतः आ जाएंगे, अपने आप, बिना टेंशन लिए.
सभी बच्चों को आशीर्वाद ?
अरुण