How can Ladies keep away from Stress
महिलाएं stress से न गुजरें.
अधिकतर महिलाओं को स्ट्रेस या तनाव का कारण पैसा नही है, धन दौलत नही है, पारिवारिक बातें हैं –
उदाहरण : सास के ताने, ननद के गाने, बहू के बहाने – महिला को सबसे जादा दुःख तब होता है जब कोई उसके मायके वालों को, खासकर उसके मम्मी पापा को कुछ कहता है, यही दुःख तनाव पैदा करता है, यही दुःख स्ट्रेस उत्पन्न करता है.
उपाय –
यह बीमारी सदियों से चली आ रही है. इस बीमारी की अभी तक कोई दवाई नही बनी है. ऐसी कोई गोली नही बनी, जिसको खाने या खिलाने से ये यह समस्या समाप्त हो जाए.
पर ऐसा न समझिए कि समाधान है ही नही. समाधान है. ओंकार की बहू बड़े आराम से रहती है. सास ताने देती रहती है, बहू, बिना सुने सुनाए, अपना काम करती रहती है. समय समय पर सास को खाना पानी देती है, नहलाती धुलाती देती है, पैर भी दबाती है.
हमसे रहा न गया तो पूछ लिया – बहनजी, आप को सास की बातों से , उसके तानों से दुख नही होता, गुस्सा नही आता. वो बोली – कभी कभी थोड़ा बहुत दुख होता है, पर मैं दिल पर नही लेती, मां भी तो बेटी को डांटती है, गुस्साती है, … ये भी मां है, कुछ कह देती है तो क्या हुआ, उसके मन की बात निकल जाती है, वो तनाव मुक्त हो जाती है, स्वस्थ रहती है, उसके स्वस्थ रहने से पूरे परिवार की परेशानियां कम हो जाती हैं, और एक बात भाई साहेब, वो बोलती है पर प्यार भी करती है, जो प्यार करेगा वही तो बोलेगा, इसलिए उन्हें बोलने का अधिकार है. यह सुनकर हमारी बोलती बंद हो गई, हम शांत हो गए.
समाधान ‘समझ’ में है. समाधान ‘इग्नोर’ करने में है, ‘नजरअंदाजी’ में है. समाधान filter करने में है. जिस तरह आप चाय छानते हैं, चाय की पत्ती अलग कर के फेंक देते हैं, बाकी चाय पी लेते हैं, ठीक उसी प्रकार ताने-गाने-बाने को फिल्टर कर के सुनिए, जो आप को अच्छा न लगे, उसे फेंक दीजिए, अनसुना कर दीजिए, जो अच्छा लगे उसे दिल में रख लीजिए.
– भाई साहब, ये सब कहना आसान है, करना कठिन है
– बहनजी, इतना भी कठिन नही है, कर के देखिए, होने लगेगा, जैसे ओंकार की बहू कर लेती है वैसे ही आप भी कर लेंगी ?
?
Counselor Dr. Arun Mishra