आज उसका पहला दिन है
मैंने कहानियों को बनते देखा है । सफलता की कहानियों को बनते देखा है ।
कैसे बनती हैं ये कहानियां, यह जानना बहुत कठिन नही है । इन कहानियों में पात्र होता है । पात्र सुपात्र होता है । पात्र हिम्मती होता है, उसमें कुछ करने की चाहत होती है, जिद होती है, जिद ऐसी की घर छोड़ना पड़े तो छोड़ देंगे, पर कदम आगे जरूर बढ़ाएंगे, सफलता की ओर ।
ऐसे ही पात्र की तस्वीर यहाँ मेरे साथ है । नाम रुनझुन शुक्ला है । प्रयागराज छोड़कर मुंबई आई है, एक HR कंपनी में नौकरी करने । लक्ष्य बड़े हैं । यह बड़े लक्ष्य की तरफ पहला कदम है । और आज उस कदम का पहला दिन है ।
सफलता मिले । खूब सफलता मिले ।
काम हो, नाम हो, धन हो, यश हो,
सुख हो, खुशी हो
आशीर्वाद व शुभकामनाएं ??
— with Vinod Shukla Anamika Prakashan.