मुक्ता तुम्हे आशीर्वाद
चार साल पहले की बात है । एक लड़की मेरे ऑफिस आई । वह icici बैंक में काम करती थी । इंस्टीट्यट व कॉलेजों के एकाउंट खुलवाने व सम्बंधित बिजनेस प्रमोशन का काम था ।
उसने बताया कि उसका नाम मुक्ता है । वह मूलतः नॉर्थ इंडिया से है, उसने कंप्यूटर इंजीनियरिंग किया और अभी वह बैंक में काम कर रही है । मैंने कहा कि ये तो बहुत अच्छा है । काम करना और आगे बढ़ना ही सफलता है, सफलता सुख देता है, आपको सुखी जीवन मिले ।
फिर वो कहने लगी कि सर, आपने भी तो कंप्यूटर इंजीनियरिंग किया है । मैंने कहा yes, और फिर पूछने लगी कि आगे वह क्या करे कि progress हो । लड़कियाँ बातूनी होती हैं, उसने बहुत सारी बातें की, अच्छी व प्यारी बातें की, फिर चली गई ।
पिछले 2 साल नही मिली । 2 साल बाद कल आई । बताई कि बेबी हुई थी । इसलिए long leave ली थी । अब बेबी 2 साल की हो गई है । थोड़ी बड़ी हो गई है । इसलिए पुनः join कर लिया है । अब उसका प्रमोशन हो गया है ।
मैंने मुस्कराया और कहा कि हाँ, घर में भी प्रमोशन हुआ – मातृत्व मिला, बेबी मिली व जॉब में भी प्रमोशन हुआ । जिम्मेदारियों में भी प्रमोशन हो गया । वेरी गुड ।
फिर वो बताने लगी कि सर, मैं आपकी कहानियां पढ़ती हूँ, अच्छी लगती हैं, उनमें भावनाएं होती हैं, उनमें प्यार होता है, समर्पण वाला प्यार, वह प्यार जो आजकल लोगों में कम होता जा रहा है । आपकी वो कहानी याद है मुझे – ‘बादलों में घर’ और वो वाली कहानी भी बहुत अच्छी लगी – ‘वो बहुत भोली थी’ ? । आप ऐसे ही लिखते रहिए ।
वैसे तो बहुत लोग मिलते हैं । कुछ लोग आपको याद रखते हैं । आपकी छोटी छोटी बातों को याद रखते हैं । वे बड़े प्यारे होते हैं ।
मुक्ता तुम्हे, तुम्हारी बेबी को, बेबी के पापा को, हमारी तरफ से ढ़ेर सारा प्यार, ढ़ेर सारा आशीर्वाद । ???