आप ने हमारे लिए किया ही क्या है

मैं संपर्क क्रांति ट्रेन में बैठा हूँ । ट्रेन दिल्ली से काठगोदाम जा रही है । सभी यात्री अपने आप में खोए हैं । कोई मोबाइल में वीडियो देख रहा है । कोई इयरफोन लगा के गाने सुन रहा है । एक दो आंटी लोग आपस में बतिया रही हैं ।

एक पापा अपने बच्चे को गोदी में लेकर टहल रहे हैं । उसे सुला रहे हैं ।

ये फोटो मैंने इसलिए खींची है कि देखो बेटा, जब बड़े हो जाओगे, तो ये पापा तुम्हे नही बता पाएंगे कि उन्होंने तुम्हारे लिए जिंदगी में क्या क्या किया है । उस समय यह फोटो देखना और मेरी यह कहानी पढ़ना । आज जो तुम्हारे पापा तुम्हे प्यार कर रहे हैं, तुम्हे अपना स्पर्श दे रहे हैं, अपना स्पंदन दे रहे हैं, अपनी धड़कन दे रहे हैं, यह अमोल है, लाखों करोड़ों रुपए इसके सामने बेकार हैं, इसी ऋण को पितृ ऋण कहते हैं, मनुष्य को पितृ ऋण से उबरने का एक ही रास्ता होता है, अपने माता पिता की सेवा करना व अपने पुत्र पुत्री को प्यार करना व योग्य बनाना ।

यह संदेश उन युवा बच्चों के लिए है जो अपने माता पिता से कहते हैं कि – ‘आप ने हमारे लिए किया ही क्या है ?’ । माता पिता, जो कुछ भी बच्चों के लिए करते हैं, वो अमोल होता है । युवा बच्चों – ‘प्रश्न यह होना चाहिए कि हमनें अपने माता पिता के लिए क्या किया है ?’

खैर, छोड़िए इन बातों को, और एन्जॉय कीजिए इस चित्र को, इस चित्र की भावनाओं को ।

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Arun Mishra

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