जब तक महिलाएं नहीं चाहेंगी दहेज या लेन देन बंद नही होगा
“बेटा, पाण्डे जी लड़का बहुत अच्छा है, बहुत बढ़िया सैलरी है, अपनी बहन के लिए देख लो, अगर लेन देन की बात होगी तो तुम संभाल लेना, जो माँगेंगे देख लेना, 10-20 जादा भी माँगेंगे तो मान जाना, पर लड़का हाथ से ना जाने देना, तुम्हारे पापा तो समझते नही हैं, आदर्शवादी बनते हैं, आदर्श अपनी जगह हैं और रिश्ता अपनी जगह, लड़के से मीठा बोलना, उसकी बात न काटना, उसकी मम्मी से प्यार से बात करना, उनकी सब बात मान लेना, तुम समझदार हो, तुम संभाल लेना ।”
तिवारी जी की बात याद गई, वो एक बार कह रहे थे कि दहेज एकतरफा खेल नही है, यह दोनों तरफ से हो रहा है, जब तक खरीदार तैयार रहेंगे, बाजार बंद नही होगी ?
लीना दीदी की भी बात सही लगती है कि ससुर कभी नही कहता कि चेन पतली मिली या अंगूठी नही मिली बल्कि सास ननद भौजाई कहती हैं कि ये नही मिला, वो नही मिला ? । जब तक महिलाएं नहीं चाहेंगी दहेज या लेन देन बंद नही होगा । जिस दिन महिलाएं चाह लेंगी, उस दिन ये सब तत्काल बंद हो जाएगा ।
सोचिए ??