Happy Family Archive

नो दहेज़ – नो कैश – नो गिफ्ट
बहुत पहले ही तय कर लिया था – नो कैश नो गिफ्ट . मिश्रा मिश्राइन ने बहुत पहले, जब बेटा एक साल का हुआ था तब ही, तय कर लिया था कि बेटे की

बहू के लिए कॉफी बनाई
सुबह मेरी बहू ने बेटे को टिफिन बना कर दिया, ऑफिस भेजा, मेरे लिए चाय बनाई और आराम करने चली गई. फिर मैंने, सरप्राइज देने के लिए, चुप्पे से, उसके लिए कॉफी बनाई, उसे

Anjali Singing
बहू अंजली गा रही है, नई बहू प्रिया के स्वागत में, जो बगल में पीछे बैठी है ?

न कोई दहेज लेंगे न कोई गिफ्ट
अरुण भैया हमेशा कहे कि न कोई दहेज लेंगे, न कोई गिफ्ट लेंगे. जब बेटा छोटा था तभी भैया और भाभी ने यह फैसला कर लिया था. बेटा बड़ा हो गया. विवाह का समय

पिताजी बहुतै खुश होते
बात 2014 की है । पिताजी चाहते थे कि मोदी जी जीतें । स्वस्थ नही थे । पर दिन रात TV देखते रहते थे । गांव शहर में जिससे मिलते थे, मोदी जी की

प्यार का मतलब सब का प्यार
मेरा एक मित्र है, युवा है, किसी से प्यार करता है, प्यार को उठा ले जाने या सातवें आसमान तक उड़ा ले जाने में सक्षम है, प्यार भी उड़ जाने को तैयार है, पर

गृह शांति के मंत्र – फैमिली टिप्स
गृह शांति के मंत्र – फैमिली टिप्स विवाह के बाद हम दोनों ने इन दो मंत्रों को नियम से, वचन वद्ध होकर, फॉलो किया और 95% समय शांति से रहे । 1. न हम

मेरे पापा के जाने के बाद
मेरे पापा के जाने के बाद तीन साल ऐसे ही डिप्रेशन में रही मैं, बैराग जैसा पूरी तरह आ गया था मन में ।लगता था सब व्यर्थ है ।क्या करना है, सब बेकार ।और

हम उसी लड़की से अपने नाती का विवाह करेंगे
बहुतै सुंदर कहानी कहानी प्रतापगढ़ के शुक्ला जी, उनकी धर्मपत्नी व उनकी नतोहू की है । कहानी एक बरस पहले की है, कहानी सत्य है और अच्छे समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण है ।

कहानी बहुत मीठी है
एक लड़का है । बहुत ही सरल स्वभाव वाला । एक दिन मेरे पास आया । बोला – सर, मेरे को डिप्लोमा करा दो । – अभी क्या किया है – ड्राफ्टिंग किया है