Relationship Archive

कोई देख भाल करने वाला नही है
पैरेंटिंग आजकल माता पिता की एक कॉमन शिकायत है कि उनका लड़का बाहर चला गया है, वो घर में अकेले रह गए हैं, कोई देख भाल करने वाला नही है । मेरा मानना है

फ्रेंड व टेलीपैथी
25 सेप्टेंबर की बात है, सुबह सुबह मेरा मन नही लग रहा था । मैंने घर में कहा कि मैं आज रात घर नही आऊंगा । नामदेव से मिलने जाऊंगा । पत्नी बोली कि

Love you Sambhav
इस चित्र में जो सबसे छोटा बच्चा है, जिसका मैं फूफा हूँ, उसका नाम “संभव” है । आज मैं संभव से लखनऊ में मिला । संभव से हुई बातचीत सुनिए – – तुम बहुत

मुक्ता तुम्हे आशीर्वाद
चार साल पहले की बात है । एक लड़की मेरे ऑफिस आई । वह icici बैंक में काम करती थी । इंस्टीट्यट व कॉलेजों के एकाउंट खुलवाने व सम्बंधित बिजनेस प्रमोशन का काम था

Love you dear
इसी को प्यार कहते हैं । कानपुर से एक लड़के का फोन आया । अपनी माँ के स्वास्थ के बारे कुछ सलाह ली । बात करते करते भावुक हो गया और बोला – ‘अंकल

और वो चला गया
जिस की कहानी लिख रहे हों वो अगर सामने बैठा हो, और कहानी स्वयं सुना रहा हो, और उसकी आवाज कांप रही हो, और आंखें नम हों, तो यकीन मानिए, कलम कांपती है, बार

हम उसी लड़की से अपने नाती का विवाह करेंगे
बहुतै सुंदर कहानी कहानी प्रतापगढ़ के शुक्ला जी, उनकी धर्मपत्नी व उनकी नतोहू की है । कहानी एक बरस पहले की है, कहानी सत्य है और अच्छे समाज के लिए अनुकरणीय उदाहरण है ।

यह कहानी अनोखी है
यह कहानी अनोखी है, इसमें मुंबई की रफ्तार है, लखनऊ की नजाकत है, और अद्भुत प्यार है । 10 मार्च को सास, होने वाली बहु से, पहली बार मिली, शॉपिंग सेंटर में, अचानक, बिना

मैं मानस का फूफा जी हूँ
मैं मानस का फूफा जी हूँ । फूफा जी कम व दोस्त जादा हूँ । पहले वो मेरा प्रसंशक था, आजकल मैं उसका प्रसंशक हूँ । प्रयाग जाऊं और अपने बेटे मानस से मुलाकात

आचार्य धर्मेश जी
लखनऊ, 17 फरवरी की सुबह 9 बजे, लखनऊ के ऐशबाग वाले आचार्य धर्मेश जी से बात हुई, यह तय हुआ कि 11 बजे मिलेंगे, पुलवामा की दुःखद घटना के शोक में ऑटो वगैरा बंद