कहानी Archive

न कोई दहेज लेंगे न कोई गिफ्ट

अरुण भैया हमेशा कहे कि न कोई दहेज लेंगे, न कोई गिफ्ट लेंगे. जब बेटा छोटा था तभी भैया और भाभी ने यह फैसला कर लिया था. बेटा बड़ा हो गया. विवाह का समय

प्यार का मतलब सब का प्यार

मेरा एक मित्र है, युवा है, किसी से प्यार करता है, प्यार को उठा ले जाने या सातवें आसमान तक उड़ा ले जाने में सक्षम है, प्यार भी उड़ जाने को तैयार है, पर

मेरे पापा के जाने के बाद

मेरे पापा के जाने के बाद तीन साल ऐसे ही डिप्रेशन में रही मैं, बैराग जैसा पूरी तरह आ गया था मन में ।लगता था सब व्यर्थ है ।क्या करना है, सब बेकार ।और

कहानी बहुत मीठी है

एक लड़का है । बहुत ही सरल स्वभाव वाला । एक दिन मेरे पास आया । बोला – सर, मेरे को डिप्लोमा करा दो । – अभी क्या किया है  – ड्राफ्टिंग किया है

Don’t Worry

दुबे जी सुबह सुबह चाय की दूकान पर बैठ जाते थे. सब को बताते थे कि दुनिया खतम होने वाली है. वैसे ही जैसे जब हम छोटे थे तो अफवाह फैली थी कि स्काई

ये मेरे हो गए

2016 के दिसंबर माह में कोलकाता से अपनी पत्नी के साथ लौटते वक्त ट्रेन में एक प्यारे से जोड़े की खूबसूरत जोड़ीदार से मैंने यूं ही पूछ लिया – ‘आप को इतना सीधा सादा

मेरी क्रिसमस

हरबती ने घर में आते ही रसोई का दरवाजा खोल दिया धूप अंदर आने के लिए…. धूप के साथ-साथ बाहर का शोर भी घर में आने लगा। हमारी सोसाइटी से जुड़ी दूसरी सोसाइटी के

हर खुशी की कीमत होती है

रूचि की यादें : फरीदाबाद शहर में मैं जिस जगह रहती हूँ वहाँ मिलता तो सब कुछ है आस-पास की दुकानों में पर बाज़ार जैसा नहीं है।बाज़ार जाने के लिए बीच रास्ते में एक

पंछी भी सिखाते हमें प्यार से रहना

ऐ सुन, ये दुनिया बड़ी न्यारी है इस दुनिया में, तू सबसे प्यारी है कुछ तो बोल, सोच क्या रही है मैं इधर हूँ यार, देख तू क्या रही है सोच रही हूँ कि

तुम प्यार हो, सच

… दूर देखो, वो जो आखिरी पेड़ दिख रहा है, उधर जाना, उसके बगल में नदी है, नदी किनारे पत्थर है, उस पत्थर पर कोई बैठा है, वो मैं हूँ, और मैं जिस को